विभागीय संरचना लोक निर्माण विभाग:- लोक निर्माण विभाग का प्रमुख, ‘प्रमुख अभियंता ’ हैं जिनके अधिनस्थ सम्पूर्ण मध्यप्रदेश नौ परिक्षेत्रों में विभाजित है । प्रत्येक परिक्षेत्र का संचालन मुख्य अभियंता द्वारा किया जाता है । समस्त नौ परिक्षेत्रों का कार्यक्षेत्र निम्नानुसार विभाजित है, राजधानी परिक्षेत्र भोपाल, पश्चिम परिक्षेत्र इन्दौर, उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर, मध्य परिक्षेत्र जबलपुर, रीवा परिक्षेत्र रीवा, सागर परिक्षेत्र सागर, उज्जैन परिक्षेत्र उज्जैन, सेतु परिक्षेत्र भोपाल सम्पूर्ण मध्यप्रदेश हेतु तथा राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र भोपाल अन्तर्गत सम्पूर्ण मध्यप्रदेश आता है । परिक्षेत्र कार्यालय अन्तर्गत मण्डल कार्यालय कार्यरत है, जिनके कार्यालय प्रमुख ‘‘अधीक्षण यंत्री’’ हैं । मण्डल कार्यालय अन्तर्गत संभागीय कार्यालय है जिनका मुख्यालय मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिलों में है, जहाँ ‘‘कार्यपालन यंत्री’’ पदस्थ हैं, संभागीय कार्यालय अन्तर्गत उपसंभाग आते है जिनमें ‘‘अनुविभागीय अधिकारी’’ पदस्थ हैं जिनके अधीनस्थ उपयंत्री तथा स्थल सहायक कार्यां की देखरेख हेतु पदस्थ है ।
विभागीय संरचना परियोजना क्रियान्वयन इकाई :- लोक निर्माण विभाग (परियोजना क्रियान्वयन इकाई ) में ‘‘परियोजना संचालक’’ विभाग प्रमुख है, इनकी सहायता हेतु एक मुख्य वास्तुविद् एवम पॉच अतिरिक्त परियोजना संचालक (मुख्य अभियंता स्तर ) निम्न क्षेत्रों में पदस्थ है। अतिरिक्त परियोजना संचालक भोपाल, अतिरिक्त परियोजना संचालक जबलपुर, अतिरिक्त परियोजना संचालक इन्दौर,अतिरिक्त परियोजना संचालक ग्वालियर एवम अतिरिक्त परियोजना परियोजना संचालक रीवा। परियोजना संचालक की सहायता हेतु संयुक्त परियोजना संचालक (अधीक्षण यंत्री स्तर ) कार्यरत है तथा उनके अंतर्गत प्रत्येक जिलों में संभागीय परियोजना यंत्री (कार्यपालन यंत्री स्तर ) पदस्थ है, जिनके अंतर्गत सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी सहायक परियोजना यंत्री के रूप में पदस्थ है, जिनकी सहायता हेतु सबसे निचले स्तर पर परियोजना यंत्री (उपयंत्री स्तर ) कार्यरत है।